कोरोनावायरस महामारी के चलते इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथियों और दर्शकों की संख्या कम रहेगी. जहां हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने 1.15 लाख लोग मौजूद रहते थे, वहीं इस बार यह संख्या 25 हजार लोगों तक ही सीमित होगी. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाए रखने जैसी एहतियात गणतंत्र दिवस समारोह में भी दिखेगी. परेड का रूट छोटा होगा. पहले परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर होती थी, जो विजय चौक से लाल किले तक जाती थी. लेकिन इस बार विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक यह 3.3 किलोमीटर ही लंबी होगी.
55 साल बाद विदेशी मुख्य अतिथि नहीं
गणतंत्र दिवस समारोह में इस बारे विदेश का कोई गणमान्य मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा. 1966 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी दूसरे देश का प्रमुख मुख्य अतिथि नहीं होगा. पूरे विश्व में फैली कोविड19 महामारी को देखते हुए इस साल 26 जनवरी पर किसी विदेशी मुख्य अतिथि को गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं बनाने का फैसला किया गया है.इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होने वाले थे. लेकिन ब्रिटेन में कोविड19 का नया प्रकार सामने आने और उससे पैदा हुए हालात को देखते हुए ब्रिटिश पीएम ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया.
पहली महिला फाइटर पायलट
भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट्स में से एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायुसेना की झांकी का हिस्सा होंगी. गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली वह पहली महिला फायटर पायलट होंगी.
राफेल भी भरेगा उड़ान
भारतीय वायुसेना में हाल ही में शामिल हुआ राफेल लड़ाकू विमान 26 जनवरी को भारत की गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगा और फ्लाईपास्ट का समापन इस विमान के ‘वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन’ में उड़ान भरने से होगा. ‘वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन’ में विमान कम ऊंचाई पर उड़ान भरता है, सीधे ऊपर जाता है, उसके बाद कलाबाजी खाते हुए फिर एक ऊंचाई पर स्थिर हो जाता है.
कोविड बूथ बनाए जाएंगे
एंट्री और एग्जिट गेट की संख्या बढ़ाई जाएगी. कोविड बूथ भी बनाए जाएंगे, जिसमें डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद रहेंगे. हर गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग का बंदोबस्त किया जा रहा है. जगह-जगह हैंड सेनेटाइजर भी रखे जाएंगे.